FACTS ABOUT MAIN MENU इतिहास मध्यकालीन भारत का इतिहास प्राचीन भारत का इतिहास विश्व का इतिहास जनरल नॉलेज झार?

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भारत का संक्षिप्त इतिहास (स्वतंत्रता-पूर्व)

ग्रंथ परिचय सरदार वल्लभ भाई पटेल प्रेरक एवं रोचक प्रसंग

साहित्यिक स्रोत के अंतर्गत साहित्यिक ग्रंथों से प्राप्त ऐतिहासिक तथ्यों की समीक्षा की जाती है। ब्राह्मण और बौद्ध-जैन ग्रंथों से स्पष्ट है कि प्राचीन भारतीयों में ऐतिहासिक बुद्धि पर्याप्त मात्रा में विद्यमान थी। कल्हण ने ‘राजतरंगिणी‘ में लिखा है कि ‘योग्य और सराहनीय इतिहासकार वही है जिसका अतीतकालीन घटनाओं का वर्णन न्यायाधीश के समान आवेश, पूर्वाग्रह व पक्षपात से मुक्त है।’ चीनी यात्री ह्वेनसांग ने भी लिखा है कि भारत के प्रत्येक प्रदेश में राजकीय अधिकारी प्रमुख घटनाओं को लिखते थे। भारत के प्राचीन साहित्यिक ग्रंथों से प्राचीन भारतीय इतिहास के बारे में पर्याप्त ज्ञान होता है। इन साहित्यिक स्रोतों को तीन भागों में बाँटा जा सकता है-(क) धार्मिक साहित्य, (ख) धर्मेतर (लौकिक) साहित्य, (ग) विदेशी यात्रियों के विवरण।

मध्य एशियाई संपर्कों की शुरुआत और बैक्ट्रियन यूनानियों का आक्रमण

भारतीय इतिहास, एक दृष्टि (गूगल पुस्तक ल; लेखक - डॉ ज्योतिप्रसाद जैन)

मुग़ल click here काल के पतन से लेकर भारत की आजादी तक और वर्तमान को आधुनिक भारत की श्रेणी में रखा गया है। बीसवीं शताब्दी के प्रारंभ में अंग्रेजी शासन से स्वतंत्रता प्राप्ति के लिये भारत में संघर्ष प्रारंभ हो गए थे। इस समयकाल ने आंदोलन, क्रांति, विरोध को जन्म दिया। 

ब्रिटिश राज के दौरान भारत के कुछ प्रमुख समाचार पत्र

समान्यत विद्वान भारतीय इतिहास को एक संपन्न पर अर्धलिखित इतिहास बताते हैं पर भारतीय इतिहास के कई स्रोत है। सिंधु घाटी की लिपि, अशोक के शिलालेख, हेरोडोटस, फ़ा हियान, ह्वेन सांग, संगम साहित्य, मार्कोपोलो, संस्कृत लेखकों आदि से प्राचीन भारत का इतिहास प्राप्त होता है। मध्यकाल में अल-बेरुनी और उसके बाद दिल्ली सल्तनत के राजाओं की जीवनी भी महत्वपूर्ण है। बाबरनामा, आईन-ए-अकबरी आदि जीवनियां हमें उत्तर मध्यकाल के बारे में बताती हैं। प्रागैतिहासिक काल (३३०० ईसा पूर्व तक)

गयासुद्दीन तुगलक द्वारा तुगलक वंश की स्थापना

शेरशाह द्वारा सूर साम्राज्य की स्थापना

इसके अलावा एशिया के दक्षिणी भाग में स्थित प्राचीन भारतीय उपनिवेशों से पाये गये स्मारकों से भी भारतीय सभ्यता और संस्कृति के संबंध में महत्त्वपूर्ण सूचनाएँ मिलती हैं। जावा का स्मारक बोरोबुदुर और कंबोडिया का अंकोरवाट मंदिर इस दृष्टि से पर्याप्त उपयोगी हैं। मलाया, बाली और बोर्नियो से मिलनेवाले कई छोटे स्तूप और स्मारक बृहत्तर भारत में भारतीय संस्कृति के प्रसार के सूचक हैं।

छत्रपति शिवाजी – संघर्ष एवं उपलब्धियाँ

भारत पर आक्रमण के समय सिकंदर के साथ आनेवाले लेखकों ने भारत के संबंध में अनेक ग्रंथों की रचना की। इनमें नियार्कस, आनेसिक्रिटस, अरिस्टोबुलस, निआर्कस, चारस, यूमेनीस आदि के नाम विशेष उल्लेखनीय हैं। इन लेखकों ने तत्कालीन भारतीय इतिहास का अपेक्षाकृत प्रमाणिक विवरण दिया है।

तराइन का प्रथम युद्ध (मोहम्मद गोरी पृथ्वीराज तृतीय द्वारा पराजित)

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